इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

उस शाम वो रुख़्सत का समाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

उस शाम वो रुख़्सत का समाँ याद रहेगा वो शहर वो कूचा वो मकाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

वो टीस कि उभरी थी इधर याद रहेगी वो दर्द कि उट्ठा था यहाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

हम शौक़ के शोले की लपक भूल भी जाएँ वो शम-ए-फ़सुर्दा का धुआँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

हाँ बज़्म-ए-शबाना में हमा-शौक़ जो उस दिन हम थे तिरी जानिब निगराँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

कुछ 'मीर' के अबयात थे कुछ 'फ़ैज़' के मिसरे इक दर्द का था जिन में बयाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

आँखों में सुलगती हुई वहशत के जिलौ में वो हैरत ओ हसरत का जहाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

जाँ-बख़्श सी उस बर्ग-ए-गुल-ए-तर की तरावत वो लम्स-ए-अज़ीज़-ए-दो-जहाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

हम भूल सके हैं न तुझे भूल सकेंगे तू याद रहेगा हमें हाँ याद रहेगा

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

शाम-ए-ग़म की सहर नहीं होती

एक और शायरी  

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

शाम-ए-ग़म की सहर नहीं होती या हमीं को ख़बर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

हम ने सब दुख जहाँ के देखे हैं बेकली इस क़दर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

नाला यूँ ना-रसा नहीं रहता आह यूँ बे-असर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

चाँद है कहकशाँ है तारे हैं कोई शय नामा-बर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

एक जाँ-सोज़ ओ ना-मुराद ख़लिश इस तरफ़ है उधर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

दोस्तो इश्क़ है ख़ता लेकिन क्या ख़ता दरगुज़र नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

रात आ कर गुज़र भी जाती है इक हमारी सहर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

बे-क़रारी सही नहीं जाती ज़िंदगी मुख़्तसर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

एक दिन देखने को आ जाते ये हवस उम्र भर नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

हुस्न सब को ख़ुदा नहीं देता हर किसी की नज़र नहीं होती

इब्न-ए-इंशा शायरी ग़ज़लें

दिल पियाला नहीं गदाई का आशिक़ी दर-ब-दर नहीं होती