फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

उमीदे-सहर की बात सुनो

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

जिगर-दरीदा हूं, चाके-जिगर की बात सुनो अलम-रसीदा हूं, दामने-तर की बात सुनो

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

ज़बां-बुरीदा हूं, ज़ख़्मे-गुलू से हरफ़ करो शिकसता-पा हूं, मलाले-सफ़र की बात सुनो

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

मुसाफ़िरे-रहे-सहरा-ए-ज़ुल्मते-शब से अब इलतिफ़ाते-निगारे-सहर की बात सुनो सहर की बात उमीदे-सहर की बात सुनो

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले

एक और शायरी  

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

मेरा दर्द नग़मा-ए-बे-सदा मेरी ज़ात ज़र्रा-ए-बे-निशाँ

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले मुझे अपना नामो-निशाँ मिले

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

मेरी ज़ात को जो निशाँ मिले मुझे राज़े-नज़्मे-जहाँ मिले

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

जो मुझे ये राज़े-निहाँ मिले मेरी ख़ामशी को बयाँ मिले

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ शायरी

मुझे क़ायनात की सरवरी मुझे दौलते-दो-जहाँ मिले