अहमद फ़राज़ शायरी

हम सुनायें तो कहानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

हम सुनायें तो कहानी और है यार लोगों की जुबानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

चारागर रोते हैं ताज़ा ज़ख्म को दिल की बीमारी पुरानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

जो कहा हमने वो मजमूँ और था तर्जुमाँ की तर्जुमानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

है बिसाते-दिल लहू की एक बूंद चश्मे-पुर-खूं की रवानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

नामाबर को कुछ भी हम पैगाम दें दास्ताँ उसने सुनानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

आबे-जमजम दोस्त लायें हैं अबस हम जो पीते हैं वो पानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

सब कयामत कामतों को देख लो क्या मेरे जानाँ का सानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

अहले-दिल के अन्जुमन में आ कभी उसकी दुनिया यार जानी और है

अहमद फ़राज़ शायरी

शाइरी करती है इक दुनिया फ़राज़ पर तेरी सादा बयानी और है