अहमद फ़राज़ शायरी
आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
आशिक़ी बेदिली से मुश्किल है
फिर मुहब्बत उसी से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
इश्क़ आग़ाज़ ही से मुश्किल है
सब्र करना अभी से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
हम आसाँ हैं और हमारे लिये
दुश्मनी दोस्ती से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
जिस को सब बे-वफ़ा समझते हों
बेवफ़ाई उसी से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
एक दो दूसरे से सहेल न जान
हर कोई हर किसी से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
तू बा-ज़िद है तो जा "अहमद फ़राज़" मगर
वापसी उस गली से मुश्किल है
अहमद फ़राज़ शायरी
साक़िया एक नज़र जाम से पहले-पहले
एक और शायरी
अहमद फ़राज़ शायरी
साक़िया एक नज़र जाम से पहले-पहले
हम को जाना है कहीं शाम से पहले-पहले
अहमद फ़राज़ शायरी
ख़ुश हो ऐ दिल! के मुहब्बत तो निभा दी तूने
लोग उजड़ जाते हैं अंजाम से पहले-पहले
अहमद फ़राज़ शायरी
अब तेरे ज़िक्र पे हम बात बदल देते हैं
कितनी रग़बत थी तेरे नाम से पहले-पहले
अहमद फ़राज़ शायरी
सामने उम्र पड़ी है शब-ए-तन्हाई की
वो मुझे छोड़ गया शाम से पहले-पहले
अहमद फ़राज़ शायरी
कितना अच्छा था कि हम भी जिया करते थे 'अहमद फ़राज़'
ग़ैर-मारूफ़-से गुमनाम-से पहले-पहले
अहमद फ़राज़ शायरी
कल हमने बज़्में यार में क्या-क्या शराब पी
एक और शायरी
अहमद फ़राज़ शायरी
कल हमने बज़्में यार में क्या-क्या शराब पी
सहरा की तश्नगी थी सो दरिया शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
अपनों ने तज दिया हैं तो गैरों में जा के बैठ
ऐ खानमा खराब न तनहा शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
तू हमसफ़र नहीं हैं तो क्या सैर-ऐ-गुलिस्तान
तू हुम्सबू नहीं हैं तो फिर क्या शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
दो सूरतें हैं यारों दर्द-ऐ-फिराक की
या उस के ग़म में टूट के रो, या शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
इक मेहरबां बुजुर्ग ने ये मशवरा दिया
दुःख का कोई इलाज़ नहीं जा शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
बादल गरज रहा था इधर, मोह्तासीब उधर
फिर जब तलक ये उकदा, न सुलझा शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
इक तू के तेरे दर पे हैं रिन्दों के जमघटे
इक रोज़ इस फ़कीर के घर आ, शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
दो जाम उनके नाम भी ऐ-पीरे-मैकदा
जिन रफ़्तगाँ के साथ हमेशा शराब पी
अहमद फ़राज़ शायरी
कल हमसे अपना यार ख़फा हो गया "अहमद फ़राज़"
शायद के हमने हद से ज्यादा शराब पी