Charitra gaya to sab gaya essay in Hindi चरित्र गया तो सब गया निबंध
चरित्र इंसान का सर्वोत्तम गुण होता है ,जो उसे किसी अन्य इंसान से विशिष्ट अथवा भिन्न प्रदर्शित करता है । इसी कारण किसी विद्वान ने उचित ही कहा है -‘यदि धन खोया है तो कुछ नहीं खोया है ,यदि स्वास्थ्य खोया है तो कुछ खोया है और यदि चरित्र खो दिया तो सब कुछ खो दिया है ।

चरित्र व्यक्ति को प्रकृति प्रदत्त नहीं है। चरित्र का निर्माण व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में करता है।चरित्र निर्माण की प्रक्रिया पूरी ज़िन्दगी चलती रहती है। चरित्रवान व्यक्ति का प्रत्येक स्थान पर सम्मान होता है। वह समाज का निर्माण करता है। वह राष्ट्र का निर्माण करता है। वह जीवन की कठिनाइयों का सामना वीरतापूर्वक और साहस से करता है । वह दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा पथ तैयार करता है । वह लोगों के लिए अनुकरणीय आदर्श बन जाता है ।
सभी महान व्यक्ति उच्च कोटि के चरित्रवान भी होते हैं । वह अपनी चारित्रिक विशेषता के कारण इतिहास में अपना नाम सुनहरे शब्दों मे अंकित करवाते हैं । हम उन महान व्यक्तियों पर उनकी चारित्रिक विशेषतााओं के कारण गौरव का अनुभव करते हैं । इंसान की चारित्रिक विशेषताएं संकट एवं चुनौतियों मे घिरने के पश्चात ही उजागर होती हैं । सिर्फ कमज़ोर मनोबल वाले व्यक्ति ही दुर्गम परिस्थतियों के सामने टूट कर हार मान लेते हैं, किन्तु महान चरित्रवान लोग सभी कठिनाइयों से संघर्ष करते हैं । वे सब चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक करते हैं । चरित्र बिना किसी प्रयास के प्रतिकूल को अनुकूल बना देता है ।
उच्च चरित्र के व्यक्ति सभ्य एवं सम्मानित परिवार से आते है । अतः परिव्वर की भूमिका भी विशिष्ट होती है । अनेक व्यक्ति इस कारण महान बनते है क्योंकि उनके शुभचिंतक उनका उत्साहवर्धन करते है । शिवाजी की महानता के लिए उनकी माता जीजाबाई ही उत्तरदायी थीं।
वह सच है की प्रतियेक महान व्यक्ति के पीछे किसी चरित्रवान की प्रेरणा होती है , त्याग होता है । इतिहास मे ऐसे अनेक उद्धरण है ।