अभी से दिखने लगी शरद यादव की नाराज़गी
परवीनअर्शी
नई दिल्ली. नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की ग़ैरमौजूदगी चर्चा बनी हुई है। बिहार के राजनीतिक नाटक के बीच शरद यादव की चुप्पी भी क़ाबिले ग़ौर है। लेकिन इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच शरद यादव ने चुप्पी साध रखी है। नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाना जनता दल यूनाइटेड को भारी पड़ सकता है। पार्टी में मुस्लिम नेता इससे खुश नहीं हैं। पश्चिम बंगाल में जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष मोहम्मद राफे महमूद सिद्दीकी ने यह चेतावनी दी है.राफे का कहना है कि अगर नीतीश के फैसले को पार्टी ने स्वीकार कर लिया, तो मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ देंगे और पार्टी को काफी नुकसान होने वाला है ।
सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार के राजग में जाने से शरद यादव काफी नाराज हैं। यही वजह रही कि नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए शरद यादव पटना नहीं गए। इस दौरान वह दिल्ली में ही मौजूद रहे। उनके अलावा जदयू के सांसद अली अनवर और वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के कदम से नाराज हैं। इस सिलसिले में पार्टी के नाराज नेता शरद यादव के घर उनसे मिलने के लिए पहुंचे।
उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ संवर्धन जनता दल यूनाइटेड को भारी पड़ सकता है।पार्टी में मुस्लिम नेता इससे खुश नज़र नहीं आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष मोहम्मद राफे महमूद सिद्दीकी ने यह चेतावनी दी हे.राफे का कहना है कि नीतीश के फैसले से तो सभी ख़फ़ा मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ देंगे और पार्टी को काफी नुकसान होने वाला है ।
जदयू नेता ने कहा कि ‘हम इंतजार कर रहे हैं कि हमारी पार्टी क्या फैसला करती है। पार्टी में सिर्फ नीतीश जी अकेले नहीं है, यह एक इकाई है, कई सांसद और विधायक हैं, हम सब मिलकर तय करेंगे, अगर पार्टी नीतीश जी और भाजपा के साथ गया तो बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है । कई मुस्लिम नेताओं पार्टी छोड़ देंगे।
‘पश्चिम बंगाल की इकाई इंतजार कर रही है। बहुत बड़ी संख्या में मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष लोग पार्टी छोड़ देंगे। नीतीश जी की रणनीति के साथ नहीं रहेंगे और खुद शरद यादव कभी नहीं चाहेंगे हम भाजपा के साथ जाएं, अली अनवर का बयान भी आ चुका है।गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से बिहार की राजनीति में जारी उथल-पुथल की घटनाओं में पहले नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव भ्रष्टाचार के मामले में इस्तीफा देकर महा गठबंधन तोड़ा तो इन घटनाओं पर पहले से नज़रें जमाए बैठी भाजपा ने नीतीश के इस्तीफे के तुरंत बाद ही उन्हें अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी और फिर उसके बाद नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से बिहार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।