काबुल.काबुल के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास बुधवार को 20 से 30 रॉकेट उतारे जाने की खबर है. ये सभी रॉकेट उस समय उतारे गए जब अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस और नाटो के लीडर जेंस स्टॉलटनबर्ग के अफगानिस्तान बातचीत के लिए काबुल पहुंचे थे.
अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस बातचीत के लिए काबुल पहुंचे
अमेरिका ने हाल ही में अफगानिस्तान में अपने और सैनिक भेजने का वादा किया था। इसी सिलसिले में यूएस के डिफेंस मिनिस्टर वहां पहुंचे हैं.
अफगानिस्तान के टोलो न्यूज की मानें तो मैटिस के पहुंचने के कुछ देर बाद ही एयरपोर्ट के नजदीक 20 से 30 रॉकेट उतारे गए हैं. आशंका जताई जा रही है कि एयरपोर्ट के पास स्थित नाटो बेस को निशाना बनाने के लिए ही ये रॉकेट उतार गए हैं.यह घटना काबुल के हामिद करजई इंटरनेनशल एयरपोर्ट पर हुई है.
ट्रंप के प्रशासन संभालने के बाद किसी अमेरिकी कैबिनेट मंत्री का यह पहला अफगानिस्तान दौरा है. अफगानिस्तान का उनका दौरा पहले से प्रस्तावित नहीं था. मैटिस अफगानिस्तान दौरे में राष्ट्रपति घनी, अमेरिकी रक्षा अधिकारियों और नाटो सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग से मिलेंगे.
फिलहाल एयरपोर्ट को खाली करा लिया गया है और सभी फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं. टोलो न्यूज के मुताबिक 20 से 30 रॉकेट्स से यह हमला किया गया है.
इससे पहले मई में काबुल में भारतीय दूतावास के पास शक्तिशाली बम धमाका हुआ था. इस धमाके में करीब 80 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 325 से ज्यादा लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई थी. हालांकि, भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
कहा जा रहा है कि इन धमाकों से जर्मन और ईरानी दूतावास निशाने पर था.मार्च में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने अमेरिकी दूतावास के पास स्थित एक मिलिट्री हॉस्पिटल को निशाना बनाया था. हमले में 30 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले का जिम्मा ISIS ने लिया था.